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पापा, तुम्हारे भाई

               पापा, तुम्हारे भाई                       शिल्पी इस तस्वीर को देखिए, यह मैं हूं, झबरे बालों वाली लड़की जो जूते से अपनी एक आंख ढके हुए है। सामने घुटनों तक मोजे पहने, स्टिक को गिटार की तरह बजाते हुए जो आदमी नंगे बदन नाच रहा है, मेरे पापा हैं। आसमान पर बादल हैं, पानी बरसने वाला है। हम लोग बारिश में भी नाचेंगे और गरम जलेबी खाते हुए घर लौटेंगे। मेरे पापा को नहीं जानते आप, क्रिकेट से फुर्सत मिले तब न। जाट रेजिमेंट के थर्ड आर्टिलरी डिवीजन के सूबेदार मेजर भारत सिंह, वही बर्सिलोना ओलंपिक के गेममेकर मास्टरमाइंड लेफ्ट इन... और गेंद एक बार फिर भारत के कब्जे में, लचकदार कलाइयों की खूबसूरत ड्रिब्लिंग, दो को छकाया, बहुत आसान लगती जादुई फ्लिक, प्रतिद्वंद्वी भौचक, एकदम कार्नर से रिवर्स क्रॉस, फॉरवर्ड ने गेंद को ट्रैप करके समय गवाने का जोखिम नहीं लिया, बेहिचक शॉट, गोलकीपर के बाएं पैर को छूती हुई गेंद अंदर और ये गोओओ....। गांव के लोग पापा की मौत को भी इसी तरह याद करते हैं। वे कारगिल की लड़ाई में मारे गए। नए ताबूत की वार्निश की भीगी महक और उनका सोया चेहरा मुझे याद है। लेकिन, यह तस्वीर